Radhe Radhe - Surrender to God's Will
कई लोग जिंदगी से परेशान हो कर अक्सर यह सोचते हैं कि मेरी Life में ही सब Problem है भगवन मुझे ही क्यों problem देतें हैं? चलिए बात करते है मेरी जिंदगी का सब से करड़वा सच और कैसे इसे भगवान की मर्ज़ी पर छोड़ कर चिंता मुक्त हुआ; Radhe Radhe - Surrender to God's Will.
Radhe Radhe - Surrender to God's Will तुम कभी भी existence (अस्तित्व) से जीत नहीं सकते क्यूंकि अस्तित्व उस ब्रम्हांड से परे और तुम उस ब्रम्हांड के एक छोटे से कीड़े मात्र भी नहीं हो। गुरु नानक साहिब जी फरमाते है की “हुकमे अंदर सभ को बहार हुकम न कोइए” हुकम मतलब God’s Will, जो कुझ भी हो रहा बस उस के हुकम में हो रहा कुछ भी गलत नहीं हो रहा बस इतना सा समझ आ गया तो तुम भगवान के परम सेवक बन गए तुम उसकी किरपा के पातर बन गए तुम आनंद की अवस्था में आ गये फिर जब भी कुछ बुरा या अच्छा होगा तो तुम कहोगे Radhe Radhe तुम कहोगे मालक दी मर्ज़ी तुम कहोगे हुकम अंदर सब वर्त रहा है तुम कहोगे जो हुआ अच्छा हुआ अच्छे के लिए हुआ तुम्हारे अंदर से अहंकार गया हउमै गयी और तुम पर उस परम पिता परमात्मा की किरपा हो गयी।
चीन के बहुत प्रसिद्ध philosopher Lao Tzu बहुत संघर्ष करने और लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद वे इस समझ में आए, और उन्होंने इसे जीने के लिए एक महान सबक के रूप में महसूस किया। उन्होंने कहा कि मेरी सारी समस्या तब हल हो गई जब मैंने अपने आपको परमात्मा की मर्ज़ी में surrender कर दिया। एक सूखे पते की भांति महसूस किया। एक सूखा पत्ते की क्या मर्ज़ी, एक हवा का झोंका यहाँ उसको ले जाये, जिस तरफ हवा का रुख उस तरफ उसका सफर, उस हवा की मर्ज़ी। सूखे पत्ते ने अपनी इच्छा को पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया है और बदले में उसने होने की सच्ची स्वतंत्रता अर्जित की है। इस को ही गुरु नानक ने हुकम कहा इस को ही भगवन कृष्ण ने राधे राधे कहा।
Meri Journey “Acceptance is the Way”
बस हुकम को समझना ही समझदारी है, जब कभी भी हुकम के उलट लड़ने की कोशिस की तब हम संघर्ष में पढ़ गए और जब भी संघर्ष से निकले तो हमे महसूस हुआ कि ये लड़ाई तो एक व्यर्थ की थी। संघर्ष तब समाप्त होता है जब यह अहसास होता है कि हम संपूर्ण के खिलाफ नहीं लड़ सकते। हमें केवल हुकम के अंदर आना है, समर्पण करना है। हुकम ही मार्ग है, राधे राधे ही मार्ग है। करता ही सब कर रहा है। खुद को करता नहीं मानना। फिर चिंता नहीं होगी। चिंता नहीं तो पश्ताप नहीं होगा। पश्ताप नहीं तो भूतकाल नहीं। न आने वाले कल की चिंता होगी बस वर्तमान होगा। वर्तमान में ही परिपूर्ण है परमात्मा है।
जब मैं ultrasound करवाने गया तो डॉक्टर ने कहा की मुझे कुछ Cancer Tumor लग रहे हैं multiple Tumor हैं ऐसा कहते ही doctor की wording मेरे दिमाग में घूमती रही समझ नहीं आ रहा था कि यह सच है या झूठ, अंदर ही अंदर प्रभु के हुकम को समझ रहा था, मेरे पास एक ही रास्ता था Acceptance" यही एक रास्ता था Acceptance is the way, रज़ा ही एक मात्र रास्ता था, मुझे इस सच या झूठ को सही साबित नहीं करना था, भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण जी ने भी यही कहा, जो हो रहा प्रभु मर्ज़ी से हो रहा, यही मुझे समझना था, जपुजी साहिब में गुरु साहिब फरमाते हैं "बंध खलासी भाने होये" मेरे शरीरिक दुःख के बंधनों से भी उसके भाने में आने से ही मुक्ती होगी, उसके हुकम में रहना ही फबदा सी, फिर उसके हुकम में ही शुरू हुआ diagnose करवाने का सिलसला, Ultrasound की report के आखिरी Impression में लिखा था biopsy के Result के साथ Correlate करो।
Conclusion
गुरु नानक साहिब फरमाते हैं की “हुकम रजाई चलना नानक लिखिया नाल” O Nanak, it is written that you shall obey the Hukam of His Command, and walk in the way of His will.
दुनिया में कुछ चीजें ऐसी हैं जो असंभव हैं और हमें उन्हें इसी रूप में स्वीकार करना होगा। जीवन में कुछ ऐसा है जिसे हम कभी नहीं जान सकते, कभी नहीं समझ सकते कि वे कहने के लिए mystery हैं। यह mystery ही हुकम है। Surrender to God's Will,
Acceptance is the way. There is no other way to escape from sorrow.
FAQ's
Ques: 1 राधे राधे दो बार क्यों कहा जाता है?
Ans: Radhe Radhe से भगवान हमेशा हमरे अंग संग प्रतीत होते रहते है। मेरा मानना है कि किसी भी बात की चिंता से मुक्त होने के लिए दो बार राधे राधे कहना चाहिए।
Ques: 2 Acceptance is the key to be truly free?
Ans: Yes, समर्पण करना ही बन्धनों से मुक्ति का दुआर है। Ques :3 क्या acceptance ही सब कुछ होता?Ans : जी हाँ, कई बार ऐसे लगता की सब कुछ हमारी planning से हो रहा, पर अचानक एक ऐसा वक़्त आता जब आप देखते रह जाते हो और आपके सामने कुछ अनचाहा हो जाता तब हमे हुकम को मानना ही पढता। तब प्रभु की हस्ती का एहसास होता।
Ques :4 Surrender to Krishna?
Ans : जी हाँ। जब कभी situation आपके हाथ में न हो तब एक ही रास्ता है Surrender to krishna, Surrender to कृष्ण वाणी (word of krishna), तब तुम हमेशा कृष्ण जी के सन्मुख रहोगे असल में तुमने अपने आपको कृष्ण को समर्पित कर दिया उसकी मर्ज़ी को अपनी मर्ज़ी समझ लिया।
Ques: 5 राधे राधे बोलने से क्या लाभ होता है?
Ans: मुझे हमेशा राधे राधे बोलने से आनंद और चिंता से मुक्ती का एहसास होता है। राधे राधे बोलने सत्संग की अनिभूति होती है।


